अबकी फागुन खेरे होरी
ओ गोरी
पहना दे मोहें बैयन का हार
नहीं करिबे तोहसे सवाल
बात मान मोरी
अबकी फागुन खेरे होरी
ओ गोरी
अबकी फागुन भीगें संग संग
ई है हमरी पहरी होरी
भिगिये अंचला चोली तोहरी
अबकी फागुन खेरे होरी
ओ गोरी
नाचे संग संग अंगना माँ
उद्हैबे रंग तोहपे करिबे सीनाजोरी
गुलाल अबीर के संग माँ
नैनों के तोहरी दर्पण माँ करिबे ठिठोली
अबकी फागुन खेरे होरी
ओ गोरी
रस्तेय२मन्ज़िल.ब्लागस्पाट.com
Saturday, March 7, 2009
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